बाल दिवस पर कविता (Poem on Children’s Day in Hindi): बाल दिवस जिसे हम अंगरेज़ी में “Children’s Day” के नाम से जानते हैं, इस दिन को हम भारत के पहले प्रंधन मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्म दिवस पर मनाते हैं.
पंडित नेहरु जी बच्चों से अधिक प्रेम करते थे और बच्चे उन्हें भी प्यार से चाचा नेहरु कहकर पुकारते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया है. नेहरु जी बच्चों को देश के भविष्य की तरह देखते थे.
उन्होंने हमेशा इस बात की वकालत की कि देश के बच्चे एक पूर्ण बचपन और उच्च शिक्षा के हकदार हैं. उन्हें ये अच्छे से पता था की देश का उज्जवल भविष्य बच्चों के भविष्य पर निर्भर करेगा. बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्यौहार है.
बाल दिवस के दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है. भारत के अलावा बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है.
इसे शिक्षकों और विध्यार्थियों के द्वारा स्कूल में उत्सुकता के साथ मनाया जाता है जिसमे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसमें ड्रामा, देशभक्ति गीत आदि भी प्रस्तुत किया जाता है.
शिक्षक छात्रों के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और प्रदर्शन करते हैं. बच्चे इस दिन को बहुत पसंद करते हैं क्यूंकि वो इस दिन को स्कूल में बहुत मस्ती करते हैं जिसके लिए उन्हें अध्यापकों से डांट भी नहीं पड़ती.
इस दिन बच्चे चाचा नेहरु को स्मरण करते हैं और साथ ही अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. नृत्य, गान, नाटक आदि प्रस्तुत किये जाते हैं. नाटकों के द्वारा आम लोगों को शिक्षा का महत्वा बताया जाता है. उत्सव के अंत में सभी बच्चों को मिठाइयाँ और चॉकलेट बांटे जाते हैं.
बाल दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल बाल दिवस 14 नवम्बर को पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन पर मनाया जाता है. भारत के आजादी के बाद पहला बाल दिवस वर्ष 1959 में 20 नवम्बर को मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 20 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की, लेकिन अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है.
भारत में भी पहले यह 20 नवम्बर को ही मनाया जाता था, लेकिन वर्ष 1964 में चाचा नेहरु के मृत्यु के बाद भारत में इसे बदल कर उनके जन्मदिन वाले दिन यानी 14 नवम्बर को मनाया जाने लगा. दुनिया के कई देशों में आज भी 20 नवम्बर को ही बाल दिवस मनाया जाता है.
क्या आपको ये पता है की विश्व बाल दिवस कब मनाया जाता है? अंतराष्ट्रीय स्तर पर 20 नवम्बर को बाल दिवस मनाने की परंपरा है. यूनाइटेड नेशंस के इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स डे को एक समय तक बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता था.
इस अंतराष्ट्रीय बाल दिवस की परिकल्पना वि. के. कृष्णा मेनन ने दी थी. अंतराष्ट्रीय बाल दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में एकजुटता, बच्चों के प्रति जागरूकता, बच्चों के कल्याण और बच्चों की अच्छी परवरिश को बढ़ावा देना है.
इसके अलावा इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बच्चों को अधिकार देने के लिए जागरूक करना था. यह सही दिशा में बढ़ने का उनका अधिकार है और इसलिए एक अच्छी तरह से संगठित और समृद्ध राष्ट्र विकसित किया जा सकता है, जो बच्चों के उत्साह पर निर्भर करता है.
बाल दिवस का महत्व
बच्चे भगवान का आशीर्वाद हैं और परिवार में एक बच्चा खुशी और आनंद लाता है. बच्चों और उनकी खुशी को मनाने के लिए पूरे विश्व में बाल दिवस मनाया जाता है.
बाल दिवस बच्चों का पर्व है. यह पर्व देश के बच्चों को समर्पित है. बच्चे देश का भविष्य है, इनके विकाश के बारे में चिंता करना देश की जिम्मेदारी है. देश का समुचित विकास बच्चों के विकास के बिना संभव नहीं है.
इस दिन, दुनिया भर में लोग बच्चों के लाभ के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर चर्चा करते हैं और दोनों विकसित और अल्प-विकसित देशों में दुनिया के बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देते हैं.
बच्चों को शिक्षित बनाने, बाल श्रम पर अंकुश लगाने, उनके पोषण का उचित ध्यान रखने आदि चीजों का प्रयास करने से बच्चों का भविष्य सँवारा जा सकता है. बाल दिवस बच्चों के कल्याण की दिशा में उचित प्रयास करने का सुनेहरा अवसर प्रदान करता है.
हमारे देश में बच्चों को बहुत कम आय पर कड़ा श्रम करने के लिए मजबूर किया जाता है. उन्हें आधुनिक शिक्षा नहीं मिल पाती इसलिए वो पिछड़े ही रह जाते हैं. हमें उन्हें आगे बढाने की जरुरत है जो मुमकिन है जब सभी भारतीय अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगें.
आज हमारे देश में सरकार ने 1 से 14 साल तक के बच्चों की शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है. स्कूलों में बच्चों को मुफ्त किताबें, ड्रेस, जूते-मोज़े, छात्रवृति उपलब्ध कराइ जा रही है जिससे कोई भी बच्चा अशिक्षित न रह जाए.
हमें बाल श्रम रोधी कानून को सही मायनों में पूरी तरह से लागु किया जाना चाहिए. अनेक कानून बने होने के बावजूद बाल श्रमिकों की संख्या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि होती जा रही है. देश के बच्चों का सही स्थान कल-कारखानों में नहीं बल्कि स्कूल में है.
बच्चे देश का भविष्य है तथा बहुत ही कीमती हैं, ये हमारे कल की उम्मीद हैं. बाल दिवस बच्चों के अधिकार और बच्चों के अधिकार को लागू करने के लिए मनाया जाता है जो देखभाल और शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं.
बाल दिवस पर कविता – Poem on Children’s Day in Hindi
बच्चे भगवान् के रूप होते हैं और दिल के बड़े ही सच्चे होते हैं. उन्हें जिस तरह का ज्ञान दिया जाता है वो उसी तरह से उसे ग्रहण करते हैं. तो ये एक शिक्षक और माता पिता की जिम्मेदारी है की वो अपने बच्चे को सही शिक्षा दें ताकि वो आगे जाकर कोई भी गलत काम ना करें और इमानदार एवं सफल इंसान बन कर देश की तरक्की में अपना योगदान दें.
जैसा की मैंने पहले ही बताया है की बाल दिवस के दिन स्कूल में तरह तरह का आयोजन किया जाता है जिसमे प्रतियोगिता, नाटक, नृत्य, कवितायेँ इत्यादि शामिल रहते हैं.
इसलिए आज मैं यहाँ आपके लिए बाल दिवस पर कविता (Poem on Children’s Day in Hindi) प्रस्तुत करने वाली हूँ जिसका उपयोग स्कूल के बच्चे प्रतियोगिता में भाग लेकर सबको प्रभावित कर सकते हैं.
चाचा नेहरु का बच्चों से है पुराना नाता
चाचा नेहरु का बच्चो से है बहुत पुराना नाता
जन्मदिन चाचा नेहरु का बाल दिवस कहलाता
चाचा नेहरु ने देखे थे नवभारत के सपने
उस सपने को पूरा कर सकते है उनके अपने बच्चे
बाल दिवस के दिन हम सभी बच्चे मिलकर गीत ख़ुशी के गायेगें
चाचा नेहरु के चरणों में फूल मालाये चढ़ायेगें!
शालाओं में भी होते है नये नये आयोजन
जिसको देख कर आनंदित होते है हम बच्चो के तन मन
बाल दिवस के इस पवन पर्व पर एक शपथ ये खाओ
ऊँच नीच का भेद भूलकर सबको गले लगाओ!
बाल दिवस है आज साथियों
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल,
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमरेल.
बरसगांठ चाचा नेहरू की फिर आई है आज,
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है नाज.
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान.
हम उनसे सीखे मुस्काना, सारें संकट झेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल.
हम सब मिलकर क्यों न रचाएं ऐसा सुख संसार,
भाई-भाई जहां सभी हो, रहे छलकता प्यार,
नही घृणा हो किसी ह्रदय में, नही द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हो, हो अधरों पर हास,
झगड़े नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल.
पड़े जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश,
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी से मिलकर भी माँ की रक्खे ऊँची शान.
दुश्मन के दिल को दहला दे, डाल नाक-नकेल,
बाल-दिवस है आज साथियों, आओ खेले खेल.
चाचा नेहरु तुझे सलाम
चाचा नेहरु तुझे सलाम,
अमन शांति का दे पैगाम,
जग को जंग से तूने बचाया,
हम बच्चों को भी मनाया,
किया अपना जन्मदिन बच्चों के नाम,
चाचा नेहरु तुझे सलाम…
मुश्किल है इनको भूल पाना
बचपन है ऐसा खजाना
आता है ना दोबारा
मुस्किल है इसको भूल पाना,
वोखेलना कूदना और खाना
मौज मस्ती में बखलाना
वो माँ की ममता और वो पापा का दुलार
भुलाये ना भूले वह सावन की फुवार,
मुस्किल है इन सभी को भूलना
वह कागज की नाव बनाना
वो बारिश में खुद को भीगना
वो झूले झुलना और और खुद ही मुस्कुराना …..
वो यारो की यारी में सब भूल जाना
और डंडे से गिल्ली को मरना
वो अपने होमवर्क से जी चुराना
और टीचर के पूछने पर तरह तरह के बहाने बनाना
बहुत मुस्किल है इनको भूलना
वो एग्जाम में रट्टा लगाना
उसके बाद रिजल्ट के डर से बहुत घबराना
वो दोस्तों के साथ साइकिल चलाना
वो छोटी छोटी बातो पर रूठ जाना
बहुत मुस्किल है इनको भुलाना…
वो माँ का प्यार से मनाना
वो पापा के साथ घुमने के लिए जाना
और जाकर पिज्जा और बर्गेर खाना
याद आता है वह सब जबान
बचपन है ऐसा खजाना
मुस्किल है इसको भूलना
बच्चों के मन में बसते हैं
कितनी प्यारी दुनिया इनकी,
कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान।
एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलराया।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया।
नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।
बच्चों में दिखता भारत का,
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सफल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा।
बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
ये थी बाल दिवस पर कविता (Poem on Children’s Day in Hindi) जो बच्चों के ऊपर बनायीं गयी हैं. इस लेख में मैंने कविताओं के साथ साथ बाल दिवस के बारे में जानकारी भी दी है. मुझे उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आएगा. इस अपने दोस्तों और साथियों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.
Very Nice