सुंदर पिचाई की जीवनी | Sundar Pichai Biography In Hindi

आज हम जानेंगे Sundar Pichai Biography & Success Story in Hindi. वोह एक गरीब परिबार में जन्म होक कैसे बने गूगल के CEO.

5

आज हम आपके लिए एक ऐसे व्यक्ति की कहानी ले कर आये हैं जिसने हमारे देश का नाम पुरे विश्व में रोशन किया है. उस व्यक्ति का नाम केवल भारत में ही नहीं बल्कि सभी विदेशों में भी जाना जाता है. उस शख्शियत का नाम है Sundar Pichai.

इनके बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे की ये दुनिया के सबसे बड़े tech कंपनी Google के CEO हैं. हर कामयाब इंसान की तरह इनके जीवन में भी बहुत से उतार चढाओ रहे हैं फिर भी इन्होने कभी हार नहीं माना और अपने मेहनत और लगन से आज दुनिया के उस मुकाम पर पहुँच गए हैं जहाँ पहुंचना कोई आम बात नहीं है.

तो चलिए आज हम Sundar Pichai के जीवन की प्ररक कहानी के जरिये सीखते हैं की कैसे अपने मंजिल की तरफ पहुँचने के लिए हमें धेर्य और साहस से काम लेना चाहिए.

Sundar Pichai Biography in Hindi

गूगल दुनिया की सबसे बड़ी Search Engine है. इसके साथ साथ ये सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनी भी है. इतने बड़े कंपनी का CEO बनना कोई छोटी बात नहीं है. यहाँ में आपको बतेने वाली हूँ के वह कैसे इस मुकाम तक पहुंचे और इसके लिए उन्हें किन किन मुस्किलो का सामना करना पड़ा था.

Sundar Pichai Biography in Hindi

सुंदर पिचाई की प्रारंभिक जीवन और बचपन

Pichai का जन्म July 12, 1972 को तमिलनाडु के मदुराइ शहर में तमिल परिवार के घर हुआ. इनके पिता का नाम रघुनाथ पिचाई और माता नाम का लक्ष्मी पिचाई है और इन्होने अपने बेटे के नाम Pichai Sundararajan रखा.

इनके पिता electrical engineer थे और माता stenographer थी जो sundar के छोटे भाई के जन्म होने के बाद उन्होंने काम करना छोड़ दिया था.

Pichai का जन्म मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ और वो एक तेज़ विधार्यथी थे. उनके पास ज्यादा धन दौलत नहीं थे इसलिए उनका परिवार दो कमरों के एक मकान में रेहता था. Sundar Pichai को अपने पढाई में ध्यान केन्द्रित करने के लिए कोई अलग से कमरा भी नहीं था.

इसलिए वो ड्राइंग रूम यानि की बैठक खाना में ही पढाई करते थे और अपने भाई के साथ वहीँ फर्श पर सो भी जाया करते थे. पैसे के अभाव होने के बावजूद भी उनके पिता ने sundar के पढाई में कभी कोई कमी नहीं रखी. यही देख कर sundar बहुत ही मन लगाकर पढाई करते थे.

Sundar के पिता जी जब घर पर पेहली बार landline telephone लेकर आये थे तब वो मेहेज 12 साल के थे. उनका दिमाग इतना तेज़ था की उन्हें phone में डायल किये गए सभी नंबर्स याद रह जाया करता था.

उनके परिवार और रिश्तेदारों को जब किसी का नंबर याद नहीं रहता था तो वो sundar जी से पूछा करते थे क्यूंकि उन्हें मालूम था की sundar जी को सारे नंबर्स याद रेहते हैं.

सुंदर पिचाई के परिवार और जन्म के बारे में संक्षिप्त जानकारी (Birth and Family Information)

जन्मदिन (Birthday)12 जुलाई, 1972
जन्म स्थान (Birth Place)मदुरै, तमिलनाडु, भारत
पिता का नाम (Father’s Name)रघुनाथ पिचाई
माता का नाम (Mother’s Name)लक्ष्मी पिचाई
भाई का नाम (Brother’s Name)एक है, नाम की जानकारी नहीं
पत्नी का नाम (Wife’s Name)अंजलि पिचाई
बच्चों का नाम (Children’s Name)किरण पिचाई और काव्या पिचाई

सुंदर पिचाई की शिक्षा

Sundar Pichai ने अपनी शिक्षा की शुरुआत अशोक नगर में स्थित जवाहर विद्यालय से किया और वहां से कक्षा 10 तक की पढाई की और फिर 12वीं की पढाई पूरी करने के लिए IIT चेन्नई में स्तिथ वाना वाणी स्कूल में दाखिला लिया.

इसके बाद अपने उच्च सिक्षा की पढाई के लिए IIT खड़गपुर में दाखिला लिया जो भारत का सबसे प्रतिष्ठित engineering institute है, उन्होंने वहां से Metallurgical engineering की डिग्री हासिल की.

अपने कॉलेज के हर परीक्षा में वो अव्वल स्थान पर रहते थे. इनके सहपाठी और शिक्षक कहते हैं की sundar जी जैसा तेज़ विद्यार्थी आज तक उन्होंने नहीं देखा.

सुंदर पिचाई की विदेश में शिक्षा

उसके बाद उन्हें scholarship मिला जिस पैसे से उन्होंने अपने पोस्ट ग्रेजुएशन (Post Graduation) की पढाई पूरी करने के लिए Stanford University चले गए और वहां से Physics में MS (Master in Science) की डिग्री प्राप्त की.

जब उन्हें अपनी पढाई पूरी करने के लिए विदेश जाना था तब flight के ticket खरीदने के लिए उनके पिता के पास पैसे नहीं थे फिर भी अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने पैसे का जुगाड़ किया और sundar जी को बहार पढने के लिए भेज दिया. उनके इसी मेहनत का नतीजा है जो sundar जी आज एक सफल इंसान बन पाए हैं.

सुंदर पिचाई की Career

Sundar जी Ph.D. भी करना चाहते थे पर आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने इसका ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया और पैसे कमाने के लिए Applied Materials Inc. में बतौर engineer और product manager के पद पर नौकरी की.

Sundar जी ने वहां ज्यादा समय के लिए काम नहीं किया. जब उनका आर्थिक स्तिथि ठीक हो गया तो उन्होंने अपने MBA की पढाई को पूरा करने के लिए Pennsylvania शहर में स्तिथ “Wharton School of the University” में दाखिला लिया.

MBA की पढाई पूरी करने के तुरंत बाद ही उन्हें McKinsey & Company में Management Consultant के पद पर काम मिला. Google में जाने से पहले उन्होंने 11 साल तक इधर उधर काम किया और तब तक उनकी पहचान एक सफल व्यक्ति के रूप में निकल कर बहार नहीं आई थी. उनकी किस्मत तो तब चमकी जब वो Google कंपनी से जुड़े.

सुंदर पिचाई की Google Company में CEO बनने का सफ़र

Sundar Pichai 2004 में Google company में interview देने गए थे वहां पर भी sundar जी ने अपने विचारों और बातों से सबका दिल जित लिया था और उन्हें वहां काम करने की इजाजत भी मिल गयी.

April 1 2004 में Google से जुड़े और शुरुआती दौर में उन्हें Google Search Tool Bar से जुड़े प्रोजेक्ट के ऊपर काम करने का मौका मिला.

Google Search Tool Bar वो कड़ी है जिससे आज सभी लोग internet की मदद से किसी भी web browser से Google Search करते हैं.

और sundar जी का काम था की वो इस product को और भी बेहतर बनाकर सबके ध्यान को इसकी और आकर्षित करें. गर्व की बात तो ये है की वो इस काम में सफल भी हुए.

Google Chrome का innovation बना Sundar के सफलता की राह का पहला कदम

इस प्रोजेक्ट में काम करने के दौरान ही उन्हें एक तरकीब सूझी की Google को खुद का एक browser होना चाहिए जिससे लोगों को Google search करने पर तेज़ी से जवाब मिल जाये.

जब अपने इस तरकीब को sundar जी ने अपने seniors और उस समय के CEO Eric Schmidt के साथ बांटा तो उनके इस तरकीब से सबको आपत्ति हुयी और उनके CEO ने सुंदर जी को इस पर काम करने से मना किया क्यूंकि उन्हें लगता था की खुद का एक browser बनाना company के लिए मेहेंगा साबित होगा.

सबके इनकार का सामना करने के बाद भी सुनदर जी ने हार नहीं माना और अपना बात मनवाने के लिए वो Google के संस्थापक के पास गए.

इनके रचनात्मक तरकीब को सुनकर Google के संस्थापक Larry page और Sergey Brin को बहुत खुसी हुयी और तभी से sundar जी उनके नज़र में आ गये. उन्होंने sundar जी के इस तरकीब के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें इस प्रोजेक्ट में काम करने की इजाजत भी दे दी.

“अगर हारने से डर लगता है तो,
जितने की इच्छा कभी मत रखन !!”
“अगर ज़िंदगी में कुछ पाना हो,
तो तरीके बदलो इरादे नहीं….!!”

Sundar जी ने इस प्रोजेक्ट में अपना जी जान लगा दिया और उनकी कड़ी मेहनत रंग लायी. सन 2008 में Google का नया browser Google Chrome launch हुआ जो पुरे विश्व में लोक्प्रिय हो गया.

Chrome की भारी सफलता की वजह से sundar जी का नाम हर जगह छा गया. धीरे धीरे Chrome browser अपने प्रतिद्वंदी Internet explorer और Mozilla firefox को पीछे छोड़ पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाला browser बन गया.

“संघर्ष में आदमी अकेला होता है,
सफलता में दुनिया उसके साथ होती है,
जब-जब जग उस पर हंसा है,
तब-तब उसी ने इतिहास रचा है…”

सन 2011 में Twitter ने sundar जी को जॉब offer दिया था जिसके लिए वो तैयार भों हो गए थे लेकिन Google ने नौकरी ना छोड़ने के 305 करोड़ रुपये दिए क्यूंकि Google अपने होनहार कर्मचारी को खोना नहीं चाहते थे और उन्हें ये भी अंदाजा था की भविष्य में sundar जी Google को उच्चे शिखर पर ले जायेंगे.

Sundar जी की काबिलियत को देख उन्हें उसी वर्ष vice president of product development का पद सौंपा गया. इस पद पर आने के बाद pichai ने और भी मेहनत किया और Google द्वारा किये गए सभी presentation में शामिल होने लगे.

इसी तरह वो Google में धीरे धीरे अपने सफलता की सीढियों पर ऊपर बढ़ते चले गए. 2012 में उन्हें Chrome और apps का senior vice president बनाया गया.

Android OS को बनाने वाले Andy Rubin 2013 में किसी अन्य प्रोजेक्ट में व्यस्त रहने के कारण Android के प्रोजेक्ट को छोड़ दिया तो Larry page ने Pichai को Android प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंप दी.

अपने काबिलियत से sundar जी ने Google Drive और Gmail app का codec बनाया और google के सभी Products के लिए Android app भी तैयार किया.

उनके द्वारा बनाये गए apps और chrome os की लोकप्रियता के वजह से sundar जी का नाम Android मार्किट प्लेस में दुनिया भर में रोशन हो गया.

2013 के अंत में Microsoft company के CEO बनने के दौड़ में Sundar Pichai जी शामिल हुए लेकिन उसमे उनको नाकामयाबी हासिल हुयी और MIcrosoft का CEO “Satya Nadella” बने.

Google की सफलता का पूरा श्रेय sundar pichai को जाता है और उनके इन्हें उपलब्धियों को देखते हुए Google ने उन्हें 10 अगस्त 2015 को company का CEO घोषित किया.

वो दिन हम सभी भारतवासियों के लिए गर्व का दिन था. Sundar जी के वजह से पुरे विश्व में भारत का नाम रोशन हुआ. वह दिसम्बर 2019 में Alphabet Inc के CEO बने.

“ न संघर्ष न तकलीफें फिर क्या मज़ा है जीने में…
तूफान भी रुक जायेगा जब लक्ष्य रहेगा सीने में…
पसीने की स्याही से लिखे पन्ने कभी कोरे नहीं होते…
जो करता है मेहनत उनके सपने कभी अधूरे नहीं होते…”

Sundar Pichai का व्यक्तिगत जीवन

  • Sundar pichai ने अपनी गर्ल फ्रेंड Anjali से विवाह किया जो उन्ही के साथ IIT खड़गपुर में पढ़ती थी. उन दोनों के बिच ऐसा मजबूत रिश्ता है जिससे वजह से उनके बिच की दुरी का असर कभी भी उनके अटूट बंधन पर नहीं पड़ता. Sundar जी के दो बच्चे भी है kavya pichai और kiran pichai.
  • पढाई के अलावा उन्हें cricket में भी बहुत दिलचस्पी थी. कॉलेज के दिनों में sundar अपने cricket टीम के कप्तान भी रह चुके हैं.
  • Sundar जी के पसंदीदा actress Deepika Padukone है. पसंदिदा खेल Football और cricket है. पसंदीदा football player Lionel Messi और cricket player Sachin Tendulkar हैं.
  • Sundar Pichai जी का सालाना वेतन लगभग $1.2 billion है. वो विश्व के सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले CEO हैं.

आज आपने क्या जाना

मुझे पूरा उम्मीद है की आपको Sundar Pichai की प्रेरक कहानी से प्रेरणा मिली होगी और हमें इनसे ये भी सिख मिलती है की मुसीबत से डर कर या हार मान कर हमें अपने लक्ष्य से पीछे हटना नहीं बल्कि और भी मेहनत कर सारे दुविधाओं के जंजीर को तोड़कर आगे बढ़ते रहना चाहिए।

क्यूंकि जीत उसी को मिलती है जो संघर्षो से लड़कर आगे बढ़ता है.

ठीक वैसा ही हमारे भारत के गौरव sundar pichai जी ने किया और अपने साथ साथ भारत का भी नाम पूरी दुनिया में रोशन किया.

Previous articleइंटरनेट से फोटो, सॉन्ग, वीडियो, फिल्म डाउनलोड कैसे करें
Next articleप्रदूषण एक भयंकर संकट पर निबंध
मैं एक कथा लेखिका हूँ, जो अपनी विचारधारा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में विश्वास रखती हूँ। मेरी कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं।

5 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here