महात्मा गांधी जयंती पर निबंध (Gandhi Jayanti Essay in Hindi 2019): हमारे देश में तिन विशेष दिन राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाये जाते हैं जिनमे 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस और 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाया जाता है. 2 अक्टूबर 1869 को मोहनदास करमचंद गाँधी का जन्म हुआ इसलिए इस दिन को गाँधी जयंती के रूप में मनाया जाता है.
इस दिन गाँधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है. गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाकर अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. उनके इस सिद्धांतों को पूरी दुनिया ने अपनाया और सभी लोगों को आजादी की लड़ाई में उनका साथ देने के लिए प्रेरित किया.
गाँधी जी अहिंसा के पुजारी थे इसलिए गाँधी जयंती के दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है. इससे ये बात साबित होता है की गाँधी जी के जीवन से सिर्फ हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों को भी शिक्षा मिलती है. आज हम उसी महान व्यक्ति के ऊपर गांधी जयंती पर निबंध हिंदी में प्रस्तुत कर रहे हैं जिसका उपयोग स्कूल के छात्र प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कर सकते हैं.
गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi)
गाँधी जी का जन्म कब हुआ था? महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था. इस साल गांधी जयंती 2019 2 अक्टूबर को 151वी गाँधी जयंती मनाई जाएगी. महात्मा जी को प्यार से “राष्ट्रपिता” और “बापू” के नाम से भी जाना जाता है.
महात्मा जी भारतीय’ स्वंतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारतीय स्वराज के लिए बहुत संघर्ष किया था. वो सत्य, अहिंसा और प्रेम को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते थे और सभी लोगों को हमेसा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा देते थे.
गाँधी जी मानवता के संरक्षक थे, वे दिन-दुखियों के सहायक और अहिंसा के पुजारी थे. उन्होंने आजीवन समाज कल्याण और राष्ट्र कल्याण के लिए ही आत्मजीवन को समर्पित कर दिया. 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा घोषित किये जाने के बाद इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.
भारत की आजादी प्राप्ति में उनकी भूमिका अविस्मरनिय है. उनके भारतीय स्वतंत्रता के लिए किये गए अहिंसा आंदोलन से आज भी देश के राजनितिक नेताओं के साथ साथ देशी तथा विदेशी युवा नेता भी प्रभावित होते हैं.
गाँधी एक देश भक्त नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता के लिए अहिंसा आंदोलन की शुरुआत की. जिसमे उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन, बिहार के चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन, गुजरात में नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी मार्च किया, छुआछुत, गरीबी, जाती-पाती में बंटे समाज, विधवा विवाह, बाल विवाह इत्यादि चीजों को ख़तम करने के लिए निरंतर आंदोलन किया था. अंततः भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी शासन से आज़ाद हो गया. 1948 में महात्मा गाँधी को नथुराम गोडसे ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी.
गांधी जयंती कब मनाई जाती है? गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है. इस दिन समस्त राष्ट्र और समाज का वातावरण खील उठता है. इस अवसर पर देश के सभी विद्यालयों में कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जो महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित होते हैं. छात्र बापू के सत्य और अहिंसा के सन्देश पर आधारित महात्मा गाँधी पर गीत गाते हैं, बापू पर कविता सुनाते हैं, महात्मा गांधी पर भाषण और गायन से गांधीवादी दर्शन पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं.
इसके अलावा इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, डाकघर इत्यादि बंद रहते हैं. दिल्ली में स्तिथ राजघाट पर महात्मा गाँधी का समाधिस्थल है. गाँधी जयंती के दिन लोग यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं. गाँधी प्रतिमा पर फुल चढ़ाकर उनका पसंदीदा भक्ति गीत ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाकर तथा दुसरे रीती संबंधी क्रियाकलापों के साथ इसे मनाया जाता है.
चारो और “महात्मा गाँधी की जय” और “महात्मा गांधी अमर रहे” आदि नारों से पूरा वातावरण गूँजता है. बापू को गाँधी जयंती के दिन उनके महान कर्मो के लिए याद किया जाता है और उनके सम्मान में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है.
गाँधी जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत भी की. प्रधानमंत्री का स्वच्छता अभियान महात्मा गाँधी के सपनो से ही प्रेरित है. महात्मा गाँधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाये रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट सन्देश दिया था. उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे की भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें.
यही कारण है की स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर की गयी. स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं है बल्कि नागरिकों की सहभागिता से अधिक-से-अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराकर एक स्वच्छ भारत का निर्माण करना है. देश में पर्यटक को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत का निर्माण करना बहुत ही महत्वपूर्ण है.
अस्वच्छ भारत की तस्वीरें भारतीयों के लिए अक्सर शर्मिंदगी की वजह बन जाती है इसलिए स्वच्छ भारत के निर्माण एवं देश की छवि सुधारने का यह सही समय एवं अवसर है. इसलिए गाँधी जयंती के दिन सभी क्षेत्र के लोगों को अपने घरों, मोहल्लों और दफ्तरों के आस पास सफाई कर देश के सच्चे नागरिक होने का फ़र्ज़ पूरा करना चाहिए.
गांधी जयंती क्यों मनाया जाता हैं (Importance of Gandhi Jayanti in Hindi)
गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है? गाँधी जयंती मुख्य रूप से महात्मा गाँधी को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. गाँधी जी ने हमेसा से सत्य और अहिंसा को अपनाया और इनसे इनका उद्देश्य यही था की सम्पूर्ण विश्व में शांति की स्थापना हो और सभी व्यक्ति के मन में दूसरों के लिए प्रेम की भावना रहे, किसीके भी मन भेद भाव ना रहे. उनके अनुसार समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को समान दर्जा और अधिकार मिलना चाहिए.
गाँधी जी कहते थे की अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है. इसलिए गाँधी जयंती के दिन हम गाँधी जी के महान कर्मो को याद करते हैं और इस दिन लोगों को उनके व्यक्तित्व की विशेषताओं की याद दिलाया जाता है. महात्मा गाँधी एक व्यक्तित्व नहीं बल्कि एक भरोसा और विश्वास हैं जो हर इंसान के अन्दर मौजूद हैं.
महात्मा गाँधी के अनमोल विचार
महात्मा गाँधी जी के जो विचार थे वो बड़े ही अदभुत थे, ये विचार ही उन्हें दुसरे व्यक्ति के सोच से अलग कर देते हैं. गाँधी जी का एक अहम् सिद्धांत था ‘अहिंसा परमो धर्म’ जिसका अर्थ है की अहिंसा ही हमारा धर्म है और इसी सिद्धांत का पालन करते हुए बापू ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए हमारे भारत को अंग्रेजों के 200 वर्ष की गुलामी से आजादी दिलवाया.
1. कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो,
कुछ ऐसा सीखो जिससे की तुम हमेसा के लिए जीने वाले हो..
2. अहिंसा मानवता के लिए सबसे बड़ी ताकत है. यह आदमी द्वारा तैयार किये गए विनाश के ताकातवर हथियार से अधिक शक्तिशाली है.
3. पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है क्यूंकि पुस्तकें आत्मा को उज्जवल करती है.
4. केवल सच ही दुनिया में अकेला खड़ा रहता है उसे किसी के सहारे की जरुरत नहीं पड़ती वो अपने आप पर आत्मनिर्भर रहता है.
5. आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी.
10 amazing facts about Gandhi Jayanti
बहुत से लोग गाँधी जी को उनके प्रसिद्ध आंदोलन dandi march और hunger strike यानि भूख हड़ताल के लिए याद करते हैं, लेकिन उनके जीवन की दास्तान में बहुत कुछ है. यहाँ हम amazing facts about gandhi jayanti पर कुछ ऐसे तथ्य पेश कर रहे हैं जो भारत के पिता के जीवन की एक छोटी सी झलक प्रस्तुत करते हैं-
- महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को मिहंदास करमचंद गाँधी के रूप में हुआ था. करमचंद उनके पिता का नाम था. महात्मा या महान आत्म का सम्मान उन्हें 1914 में दिया गया था. गाँधी जी को भारत में बापू कहा जाता है जिसका अर्थ है पिता.
- गाँधी जी ने आजादी के लिए और दलित लोगों को सम्मान दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया. उनके कार्यों में महिलाओं के लिए नागरिक अधिकार, जाती व्यवस्था का उन्मूलन और धर्म की परवाह किया बिना सभी लोगों का समान अधिकार शामिल था.
- गाँधी जी ने भारत के सबसे निचली जाती अछूतों के लिए समान अधिकार की मांग की और इस कार्य को समार्थन देने के लिए उन्होंने कई भूख हड़ताल किये. उन्होंने अछूतों को हरिजन कहा, जिसका अर्थ है ईश्वर के संतान.
- हम सभी जानते हैं की गाँधी जी ने भारतीयों की ख़राब दुर्दशा के कारण शर्ट और पेंट पहनना छोड़ दिया था. 1921 मदुराई का दौरा करते हुए, उन्होंने कई लोगों को सिंगल धोती पहने हुए देखा, जो बाद में उनका पहनावा बन गया.
- महात्मा गाँधी अपने पुरे जीवन काल में प्रतिदिन लगभग 18 Km पैदल यात्रा करते थे.
- जनवरी 30, 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गाँधी की हत्या कर दी गयी थी और पुरे देश में आज भी उनके नुकसान का शोक मनाया जाता है. गाँधी जी की हत्या नई दिल्ली के बिरला हाउस में की गई थी जिसे अब गाँधी स्मृतीं कहा जाता है.
- नई दिल्ली में आयोजित महात्मा गाँधी के अंतिम संस्कार में लगभग 10 लाख लोग शामिल हुए थे और उनका शव यात्रा 8 किलो मीटर लंबी थी जो घंटों तक चला. उनकी अंतिम यात्रा के दौरान उनके शारीर को राष्ट्रीय ध्वज से लपेटा गया था.
- ग्रेट ब्रिटेन, जिस देश के खिलाफ उन्होंने स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, गाँधी के मृत्यु के 21 साल बाद उन्हें सम्मानित करते हुए एक डाक टिकट जारी किया गया.
- भारत में 53 प्रमुख सडकें हैं और भारत के बाहर 48 सडकें हैं जो गाँधी जी के नाम पर हैं.
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने 1996 में अपनी शुरुआत के बाद से महात्मा गाँधी की छवि प्रदर्शित करके बैंक नोट जारी किये.
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी शांति, अहिंसा, सादगी और सत्य का प्रतीक हैं. उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी हिन्दुस्तान की आजादी, अहिंसा, शांति तथा प्रेम आदि सिद्धांतों को फैलाने में लगा दी. देश के लिए उनके बलिदान को हम कभी भी नहीं भूलेंगे. अगर आपको गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi) अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.