आत्मा का रहस्य – मरने के बाद आत्मा का क्या होता है?

लोगो का मानना है के आत्मा के वजय से हम जिन्दा है. आखिर आत्मा का रहस्य क्या है और मरने के बाद आत्मा का क्या होता है? यहाँ होगा इन सारे सवालो का खुलाशा.

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ऊपर विषय को पढ़कर आपको पता चल गया होगा की आज हम किसकी बात करने वाले हैं. आज हम आत्मा से जुडी कुछ ऐसी बातें करेंगे जिसके बारे में अपने सायद ही कभी सुना या देखा हो.

ज्यादातर लोग आत्मा की बात सुनते ही घबरा जाते हैं उनहे लगता है की आत्माएं डरावनी होती हैं और लोगों को परेशान भी करती हैं.  लेकिन हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग के लोग आत्मा, भुत प्रेत, काला जादू जैसे चीजों पर विश्वास नहीं करते हैं.

उनके सामने अगर कोई आत्मा या भूतों के बारे में बात करते हैं तो वो सामने वाले व्यक्ति के ऊपर हस्ते हैं. आज मै यहाँ आपको भुत, प्रेत की कहानी तो नहीं सुनाने वाली हूँ लेकिन आत्मा से जुड़े कुछ बातें जरुर बताउंगी जिसे जानकर आपको यक़ीनन हैरानी होगी.

दुनिया के हर इंसान के मन में कभी न कभी यह प्रश्न अवस्य उठता है की आखिर जीवन, मृत्यु और आत्मा का रहस्य क्या है. कुछ महानपुरुष और सिद्ध योगियों का कहना है की काल की तरह जीवन भी असीम और अनंत है. जीवन का न तो कभी प्रारंभ होता है और ना ही कभी अंत.

आत्मा का रहस्य (Mystery of Death in Hindi)

Aatma Ka Rahasya Hindi

आत्मा एक प्रकाश पुंज है जो की परम्प्रकाश पुंज का अंश है. पुरे ब्रह्मांड ब्रह्म उर्जा से चालित है. जिसमे यह पूरी सृष्टि निहित है. इस ब्रह्म उर्जा का न कोई आदि न अंत है. इस अनंत उर्जा को हम परमात्मा कहते हैं. आत्मा इसी परमात्मा से निकली हुयी एक प्रकाश पुंज है.

परमब्रह्म उर्जा जब एक प्रकाश पुंज के रूप में निकल कर एक शरीर को धारण करती है तो वह आत्मा कहलाती है. जिस पल उर्जा एक आत्मा के रूप में शरीर को धारण करती है वही से उसकी अध्यात्मिक यात्रा शुरू हो जाती है.

जब यह आत्मा परमात्मा रूपी उर्जा से निकल कर कई शरीरो से होते हुए वापिस परमात्मा से जाकर मिलती है तो आत्मा को मोक्ष की उपलब्धि होती है और उसकी अध्यात्मिक यात्रा का अंत हो जाता है.

वेदांत के अनुसार किसी व्यक्ति की मृत्यु होने का मतलब है की आत्मा ने शरीर को त्याग दिया है और नए शरीर की तलाश में चली गई है.

जिस शरीर से उसकी वासना, भोग और कामना की पूर्ति हो सकती है जब ऐसा शरीर मिल जाता है तो आत्मा पुनः शरीर में प्रवेश करके भौतिक जगत में अपनी नई पहचान के साथ चली आती है लेकिन यहाँ आत्मा की अपनी इच्छा नहीं चलती है उसे अपने पूर्व कर्मों के अनुसार कामना की पूर्ति के लिए उचित शरीर में प्रवेश मिलता है.

आत्मा क्या है?

प्रकृति से घिरे 24 वस्तुओं से बने मनुष्य नामक यंत्र में वास करता है परमात्मा का अंश, उसे आत्मा कहा गया है. जब प्रकृति और मनुष्य का मेल होता है अर्थात जब परमात्मा का अंश आत्मा बनकर देह में वास करता है तब मनुष्य जीवित होता है.

मनुष्य जैसे वस्त्रों का उपयोग करता है वैसे ही आत्मा शरीर नाम के इस यंत्र का उपयोग करती है. पुराने वस्त्र त्याग कर जैसे मनुष्य नया वस्त्र धारण करता है उसी प्रकार आत्मा भी पुराना शरीर छोड़ कर बार बार नया शरीर धारण करता है.

शरीर के माध्यम से आत्मा शरीर के सुख दुःख का उपभोग करती है, किन्तु आत्मा शरीर नहीं होती. शरीर का अंत किया जा सकता है किन्तु आत्मा का नाश नहीं किया जा सकता.

आत्मा न शस्त्रों से मारी जा सकती है और ना ही अग्नि से जलाई जा सकती है, ना जल उसे गिला कर सकता है और ना ही वायु उसे सुखा सकती है. आत्मा शरीर में रहते हुए भी अमर है.

शरीर की हत्या की जा सकती है किन्तु आत्मा की हत्या नहीं की जा सकती है. आत्मा को छुआ या देखा नहीं जा सकता उसे केवल महसूस किया जा सकता है.

आत्मा क्या होती है?

आत्मा के बारे में सबसे प्रमाणिक उल्लेख भगवदगीता में मिलता है. कहा गया है की आत्मा अविनाशी है, इस पर किसी भी प्राकृतिक भाव का असर नहीं होता. आत्मा पर किसी भी प्रकार की चीजें असर नहीं करती.

आत्मा का एक ही स्वाभाविक गुण है, स्वाभाविक रूप से प्रसार करना और ईश्वर में विलीन होना. जब तक आत्मा ईश्वर के अपने मुख्य बिंदु तक नहीं पहुंचती, तब तक शरीर बदलता रहता है.

आत्माओं के अन्दर पृथ्वी तत्व नहीं होता, अतः वायु के सामान गमनशील होती है. इसलिए आत्मा को देखना सामान्य रूप से संभव नहीं है.

आत्मा और मन क्या है?

मन आत्मा का साधन है. इसके द्वारा ही आत्मा की इच्छित क्रियाएं होती है. आत्मा का मन से, मन का इन्द्रियो से और इन्द्रियो का बाहरी संसार से संपर्क होने पर ही आत्मा को ज्ञान तथा उसकी इच्छित क्रियाएं होती हैं.

ज्ञान आत्मा का गुण है, मन का नहीं. अर्थात यह मन ऐसा है जिसके बिना कोई भी काम नहीं होता. यही कारण है की इसके संपर्क न होने पर हम देखते हुए भी नहीं देखते तथा सुनते हुए भी नहीं सुनते. मन आत्मा के पास ह्रदय में रहता है.

क्या आपने कभी सोचा है की मरने के बाद आत्मा का क्या होता है? जब आत्मा परमात्मा के साथ जा मिलती है तो उसकी जीवन यात्रा पूर्ण हो जाती है. शरीर का जब अस्तित्व मिट जाता है तो हम उसे मृत्यु कहते हैं उसी प्रकार जब एक स्वतंत्र आत्मा का अस्तित्व मिट जाता है तो हम उसे मोक्ष कहते हैं.

मोक्ष की प्राप्ति के रास्ते में आत्मा कई शरीरों को बदलती है. लोग जिसे मृत्यु कहते हैं वह मात्र उस शरीर का अंत है जो प्रकृति के पांच तत्वों यानि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना है.

ऐसा माना जाता है की मानव शरीर विनाशी है, जिसने जन्म लिया है उसे एक ना एक दिन अपने प्राण त्यागने ही पड़ते हैं. भले ही मनुष्य या कोई अन्य जीवित प्राणी सौ वर्ष या उससे भी अधिक क्यों ना जी ले लेकिन अंत में उसे अपना शरीर छोड़कर वापस परमात्मा की शरण में जाना ही होता है.

गरुड़ पुराण जो मरने के पश्चात आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार की व्यख्या करता है उसके अनुसार जब आत्मा शरीर छोडती है तो उसे दो यमदूत लेने आते हैं. मानव अपने जीवन में जो कर्म करता है यमदूत उसे उसके अनुसार अपने साथ ले जाते है.

अगर मरने वाला सज्जन है, पुण्यात्मा है तो उसके प्राण निकलने में कोई पीड़ा नहीं होती है लेकिन अगर वो दुराचारी या पापी हो तो उसे पीड़ा सहनी पड़ती है.

आत्मा को कैसे देखे

आत्मा, भुत, चुड़ैल, पिशाच ये कुछ ऐसे नाम है जिन पर विश्वास करना है या नहीं एक विकल्प बन गया है. कुछ लोग कहते हैं की आत्माओं जैसा दुनिया में कुछ नहीं होता लेकिन वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो आत्माओं के अस्तित्व और आत्मा की शक्ति पर यकीन करते हैं.

हमारे बिच ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अपने आसपास कुछ ऐसे चीजें महसूस की हैं जिससे लगता है की उनके आस पास कोई है जो उन्हें देख रहा है. लेकिन उस वक़्त हम उन शक्तियों को देख नहीं पाते हैं तो हम घबरा जाते हैं और उन शक्तियों को भुत समझ कर डर जाते हैं.

लेकिन हर ऐसी शक्ति भुत नहीं होती, कुछ अच्छी आत्माएं भी होता है जो नुकसान पहुँचाने नहीं आती. वे केवल भटकती हुई आत्माएं होती है.

कुछ ऐसे लोग इस दुनिया में मौजूद हैं जिनमे दिव्य शक्ति होती हैं जिससे वो इन शक्तियों से संपर्क कर पाते हैं, उन्हें देख सकते हैं, उनसे बात भी कर सकते हैं. तंत्र विध्या में माहिर लोग यह सब कार्य करने में सक्षम होते हैं.

लेकिन एक आम इंसान यह सब नहीं कर सकता. आत्माओं को हम साधारण आँखों से क्यों नहीं देख सकते? इसका जवाब शास्त्रों में ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी मौजूद है. विज्ञान के अनुसार मानव शरीर पंच तत्वों से बना है.

जब तक हम जीवित होते हैं हमारे अन्दर धरती तत्व सबसे अधिक मौजूद होता है. इसलिए धरती से जुडी चीजों को हम आसानी से देख सकते हैं. लेकिन मरने के बाद आत्मा में यह धरती तत्व ख़त्म हो जाता है और बचता है तो केवल वायु तत्व. जिसे देख पाना मनुष्य के वश में नहीं है.

इसलिए हम आत्मा को केवल महसूस कर सकते हैं और हम ये तभी कर सकते हैं जब हम उनसे संपर्क करने की कोशिश करते हैं. सदियों से लोग आत्माओं से संपर्क करने की कोशिश करते आये हैं और इसके लिए कई विधियों का प्रयोग किया जाता है.

आत्मा को देखने के लिए हमें आत्मा को बुलाने का तरीका मालूम होने चाहिए. अगर आपको नहीं पता तो निचे इसके कुछ तरीके बताये गए हैं.

आत्मा बुलाने के तरीके

माना जाता है की अदृश्य शक्तियां जैसे भुतप्रेत, जिन्न या आत्माओं को बुलाना या उनसे संपर्क करना बहुत ही खतरनाक माना जाता है. अदृश्य शक्तियों के बारे में कई शास्त्रों में उल्लेख मिलता है की आत्माएं दो तरह की होती हैं एक तो बुरी और दूसरी अच्छी.

और ये जिस पर प्रसन्न हो जाये तो उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करती हैं. अगर आप भी आत्माओं से संपर्क करना चाहते हैं तो निचे बताये गए तरीकों को किसी जानकार के सहयोग से अपनाकर अदृश्य शक्तियों को बुला सकते हैं.

1. प्लेनचिट के माध्यम से आत्माओं को बुलाया जाता है. एक कागज़ पर अंग्रेजी के अक्षर A-Z और गिनतियां 0-9 तक लिखी होती है. बिच में एक सर्कल बना होता है जिसके आसपास YES और NO लिखा होता है.

सर्कल पर उलटी कटोरी रखकर तिन लोग उस पर अपनी ऊँगली रखते हैं और अगरबत्ती लगाकर आत्मा का आह्वान करते हैं. जब आत्मा आ जाती है तब यह कटोरी अपने आप ही चलने लगती है और पूछे गए सवाल का जवाब मिलने लगता है.

2. एक और आत्मा बुलाने के विधि में तिन पैर वाले लकड़ी के टेबल का इस्तेमाल किया जाता है जो हल्का और गोल होता है. इसमें टेबल के एक पैर के निचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है.

इसके बाद टेबल को चरों तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते हैं. फिर सभी अपनी हथेलियों को टेबल पर रख देते हैं. इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते हैं.

माना जाता है की जब टेबल का एक पैर अपने आप ही खटखटाने लगे तो इसका मतलब है की आत्मा का आगमन हो चूका है. इसके बाद उनसे सवाल पूछा जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखटाहट से हर सवाल का उत्तर जाना जाता है.

3. आत्माओं से बात करने का एक जरिया है ओइजा बोर्ड. यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है. इसमें पीछे की ओर घुमने वाले पहिये लगे होते हैं. इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें पेंसिल लगा दी जाती है.

आत्मा से संपर्क करने से पहले मेज पर एक सादा कागज़ रखकर उसके ऊपर ओइजा बोर्ड को रखा जाता है. इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है.

ऐसा माना जाता है की जैसे ही आत्मा आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है. आमतौर पर इस यंत्र द्वारा अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है. आत्मा जब आ जाती है तो ओइजा बोर्ड में हरकत होने लगती है.

आत्मा से जब प्रश्न किया जाता है तब ओइजा बोर्ड चलने लगता है और उसमे लगी पेंसिल से कागज पर जवाब लिखा जाने लगता है. इस तरह से ओइजा बोर्ड द्वारा प्रश्नकर्ता आत्माओं से अपने सवालों के जवाब जान लेता है.

4. अक्सर हम ग्रामीण इलाकों में सुनते या देखते हैं की किसी व्यक्ति के शरीर में देवी या देवता आता है. वह हिलने लगता है और फिर देवी या देवता इस व्यक्ति के शरीर के माध्यम से लोगों से जुड़कर उनकी समस्या का समाधान करते हैं.

इसी तरह कोई आत्मा भी किसी व्यक्ति को अपना माध्यम बनाकर उसके शरीर में प्रवेश कर बातें कर सकती है. किसी भी आत्मा का माध्यम ऐसा ही व्यक्ति बन सकता है जिसमे समर्पण भाव और संवेदनशीलता हो.

ऐसा व्यक्ति आँख बंदकर कुछ देर तक आत्मा का आह्वान करता है और फिर आत्मा माध्यम के शरीर में प्रवेश करके संवाद करने लगती है. ऐसे में माध्यम की आवाज़ और उसका व्यवहार बदल जाता है.

आत्मा बुलाना या उनसे बाते करना यह आस्था और अंधविश्वास का मामला है. यह महज मनोरंजन भी हो सकता है और हो सकता है की यह आत्मा बुलाने के तरीके आपके लिए खतरनाक सिद्ध हो. कहते हैं की आत्माओं को बुलाना आसान है पर भेजना मुश्किल होता है.

कई बार बुलाई गयी आत्मा वापस नहीं जाती है. माना जाता है की वापस नहीं जाने वाली आत्माएं आपके जीवन में होनी और अनहोनी घटनाओं को अंजाम देने लगती है. इसलिए अगर आप आत्मा बुलाने की विधि का प्रयोग कर रहे हैं तो सोच समझकर ऐसा कार्य करें. यह लेख समाज में प्रचलित बातों की सिर्फ जानकारी हेतु है.

मुझे उम्मीद है की आपको ये लेख आत्मा का रहस्य (Mystery of Death in Hindi) से आत्मा के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा और ये अपको पसंद भी आयेगा. इस लेख से जुड़े आपके कोई भी दुसरे विचार हैं तो उसे हमारे साथ जरुर बाटें और हमें अपना पूरा सहयोग दें.

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मैं एक कथा लेखिका हूँ, जो अपनी विचारधारा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में विश्वास रखती हूँ। मेरी कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं।

8 COMMENTS

    • जिसे परकाया सिद्धि प्राप्त होती है वह अपने आत्मा को निकालकर दूसरे शरीर मे घुस सकता है।

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