बाल दिवस पर निबंध – कब और क्यों मनाया जाता है?

0

बाल दिवस पर निबंध (Essay on Children’s Day in Hindi): भारत जैसे देश में जहाँ विभिन्न तरह के त्यौहार मनाये जाते हैं उनमे से एक बाल दिवस उत्सव भी है जिसे विद्यालयों में धूम धाम से मनाया जाता है. इस दिन को बचपन का जश्न मानने के लिए चुना गया है.

बाल दिवस के नाम से ही स्पष्ट होता है की यह दिन बच्चों के लिए समर्पित है ताकि हम इस दिन बच्चों से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे उनका भविष्य, शिक्षा, सेहत, संस्कार, मानसिक और शारीरक विकास और उनके ऊपर हो रहे अत्याचार हेतु जरुरी विषयों पर विचार विमर्श कर सकें.

इस दिन लोगों तक ये जागरूकता फैलाया जाता है की बच्चों का बाल शोषण और बाल मजदूरी पर हर हाल में रोक लगाना है. पंडित जवाहर लाल नेहरु जी का कहना था की बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, वे ऐसे बिज के समान हैं जिन्हें दिया गया पोषण उनका विकास और गुणवत्ता निर्धारित करेगा.

बच्चों से ही एक नए व सुरक्षित भारत का निर्माण होता है. आज के इस लेख बाल दिवस पर अनुच्छेद से मै आपको बाल दिवस के बारे में जानकारी देने वाली हूँ जिसमे बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है इसके बारे में भी बताया जायेगा.

बाल दिवस पर छोटा निबंध – Essay on Children’s Day in Hindi

Bal Diwas Par Nibandh Hindi
बाल दिवस पर छोटा निबंध

बाल दिवस मनाने की शुरुआत साल 1925 में की गयी थी उसके बाद साल 1953 में इसे दुनिया भर में मान्यता मिली. संयुक्त राष्ट्र ने 20 नवंबर को अंतराष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में घोषित किया था. हालाँकि इसकी शुरुआत बहुत पहले ही हो गयी थी लेकिन भारत में आजादी के बाद 1959 में पहली बार 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया गया था.

वास्तव में इस दिन को बच्चों के बिच जानकारी के आदान-प्रदान और आपसी समझदारी विकसित करने के साथ साथ बच्चों के कल्याण से जुडी लाभार्थी योजनाओं के उद्देश्य से शुरू किया गया था.

पंडित जवाहर लाल नेहरु जी बच्चों से बेहद प्रेम करते थे और प्रत्येक वर्ष अपने जन्म दिवस के मौके पर नेहरु जी अपना समय बच्चों के साथ बिताते थे. इसलिए 27 मई 1964 को देश के पहले प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरु जी की मृत्यु के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मिति से यह फैसला हुआ की भारत में 20 नवंबर की तारीख को बदल कर उनके जन्मदिन वाले दिन यानि की 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जायेगा.

भारत में ये प्रथा आज भी कायम है लेकिन अभी भी दुनिया के कई देशों में 20 नवंबर को ही बाल दिवस मनाया जाता है.

बाल दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस हर्षौल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरु जी का जन्म हुआ था.

बच्चों को बाल दिवस का बड़े ही बेसब्री से इंतज़ार रहता है क्योंकि बाल दिवस उत्सव पर लाखों बच्चे अपने विद्यालयों के कार्यक्रम में भाग लेते हैं और इस दिन उन्हें ढेर सारे मिठाइयाँ और चॉकलेट्स भी बाल दिवस उपहार के रूप में मिलता है.

जवाहरलाल नेहरु जी को चाचा जी के नाम से जाना जाता है. बच्चे चाचा नेहरु जी को बहुत पसंद करते हैं और नेहरु जी का जन्मदिन अपने स्कूल में नाच गाने के साथ मनाया जाता है. बाल दिवस को अध्यापकों और विद्यार्थियों के द्वारा पुरे जूनून और उत्सुकता के साथ मनाया जाता है.

बाल दिवस के दिन कई स्कूलों में पढाई नहीं होती है और बच्चों के लिए खेल कूद का भी आयोजन होता है इसके साथ स्कूल में नेहरु जी की तस्वीर रख कर उसके सामने फूलों और रंगोलियों से सजावट की जाती है.

बच्चे चाचा नेहरु के जन्म दिन की खुसी में विद्यालय के विशेष कार्यक्रम में भाग लेते हैं जैसे बाल दिवस गीत, बाल दिवस पर कविता, नाटक तथा बाल दिवस पर भाषण आदि में भाग लेते हैं. इस ख़ास दिन को बहुत से व्यक्ति अनाथ और गरीब बच्चों को कपडे, खिलौने, किताबें और तोफे भेंट में देते हैं.

कई गैर-सरकारी संगठन इस दिन को वंचित बच्चों की मदद करने के अवसर के रूप में लेते हैं. वे वंचित बच्चों के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं. अक्सर, लोग बच्चों के बीच किताबें, भोजन, चॉकलेट, खिलौने और अन्य आवश्यक सामान वितरित करते हैं.

इसके अलावा, वे अनाथालयों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं जहां बच्चे quiz, नृत्य, संगीत, खेल आदि जैसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, यहां तक कि बच्चों को पुरस्कार, तोफे भी वितरित किए जाते हैं.

बच्चों को उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सरकार द्वारा लागू या घोषित की गई विभिन्न योजनाओं से अवगत कराने के लिए विभिन्न जागरूकता बैठक आयोजित किए जाते हैं।

टेलीविजन पर भी, बाल दिवस के दिन कुछ विशेष कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं। कई अखबार इस दिन विशेष लेख भी निकालते हैं, जो देश के विभिन्न कोने में बच्चों की अपार प्रतिभा को प्रदर्शित करता है।

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्म दिवस के मौके पर बाल दिवस मनाया जाता है. बाल दिवस के दिन चाचा नेहरु का स्मरण किया जाता है. नेहरु जी का बच्चों से बहुत ही गहरा लगाव था.

जब भी उन्हें खाली समय मिलता था तो वो अपना समय बच्चों के साथ बिताया करते थे. वे हमेशा इन बच्चों को देश के भविष्य के रूप में देखते थे, इसलिए बच्चों को उनके मौलिक अधिकार खासतौर पर शिक्षा दिलाने के पक्षधर थे.

जवाहरलाल नेहरू जी का मत था कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं. उनका मानना था कि उन्हें जिम्मेदार नागरिकों और भविष्य के नेताओं में ढाला जा सकता है और इसे हासिल करने का तरीका अच्छी शिक्षा है.

उनका यह भी मानना था कि एक प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण के लिए, बच्चों को सीखने और बढ़ने के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।

भारत में बाल दिवस पंडित नेहरु जी के जन्म वाले दिन को बचपन, बच्चों और नेहरु जी के बच्चों के प्रति लगाव को याद करने, आनंद और आमोद-प्रमोद के दिन के तौर पर मनाया जाता है.

बच्चों के लिए उनके प्रेम को श्रद्धांजलि के तौर पर नेहरु जी का जन्मदिन देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. वह बच्चों के कल्याण को लेकर काफी चिंतित रहा करते थे इसलिए नेहरु जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले बच्चों के शिक्षा प्रगति को लेकर योजना बनाया और उस पर काम किया.

वह स्कूली बच्चों को भोजन और अन्य जरुरी चीजें दिलाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन करवाते थे. इन्ही कार्यक्रमों की वजह से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई और उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सका.

आज भी बाल दिवस के मौके पर बच्चों के भविष्य को लेकर नई नई योजनाओं के ऊपर गंभीरता से काम किया जाता है ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकें और उनका भविष्य सुनेहरा बन सकें और यही बाल दिवस का उद्देश्य भी है.

कई सालों से बच्चों के जीवन में सुधार लाने की योजना बनाई जा रही है और अलग अलग नियम भी लागू किये जा रहे हैं जिसकी वजह से आज भारत देश में बाल मजदूरी पर भी रोक लगा दी गई है.

कोई भी किसी 14 साल के निचे उम्र वाले बच्चे से काम नहीं करवा सकता है और यदि किसी ने ऐसा किया तो उसे क़ानूनी तौर पर उसे सजा भुगतनी पड़ सकती है.

नेहरू ने देश के लिए जो सपना देखा था, उसे याद करने के लिए बाल दिवस एक दिन है. उनका मानना था कि बच्चों की शिक्षा में सच्ची प्रगति निहित है, और 14 नवंबर एक ऐसा दिन है जहाँ उस लक्ष्य की दिशा में काम करना है. बच्चे इस उम्र में प्रभावशाली होते हैं, उन्हें सही मूल्य सिखाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होता है.

चलो इस परंपरा को जीवित रखें और बाल दिवस 2020 को उसी उत्साह और गर्मजोशी के साथ मनाएं जो हमारे नेता हमेसा चाहते थे.

बच्चे देश की सफलता और विकास की कुँजी है क्योंकि वो ही अपने देश का नए और तकनिकी ढंग से नेतृत्व करेंगे. उम्मीद है की आपको ये लेख “बाल दिवस पर निबंध (Essay on Children’s Day in Hindi)” पसंद आएगा. अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो इसे अपने बच्चों और रिश्तेदारों के बच्चों के साथ जरुर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस दिन के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी मिल सकें.

Previous articleश्री गणेश चतुर्थी पूजा विधि, महत्व और कहानी
Next articleआत्मा का रहस्य – मरने के बाद आत्मा का क्या होता है?
मैं एक कहानी लेखिका हूँ, जो अपनी विचारधारा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में विश्वास रखती हूँ। मेरी कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here