जलपरी की कहानी, रहस्य और क्या है सच?

यहाँ हम अक्शर फिल्मो और कार्टून में दिखाई गयी जलपरी की कहानी, जलपरी का रहस्य, इतिहास, और यह बात कितनी दूर तक सच है उसी के बारे में बात करने बाली हूँ.

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आखिर क्या है जलपरी की कहानी? आज का जो हमारा लेख है वो बड़ा ही दिलचस्प है क्यूंकि आज मै आपको जलपरी से जुडी कुछ बातें बताने वाली हूँ. जलपरी की कहानियां तो हमने बचपन में बहुत सुनी है और टीवी पर जलपरियों की कार्टून भी देखि है.

लेकिन तब हमें जलपरी का सच नहीं पता था, हमें लगता था की जलपरी सच में होती है. पर क्या आपने कभी जलपरियों को सच में देखा है. क्यूंकि वास्तविक जीवन में हम में से किसी ने भी उन्हें नहीं देखा है.

लेकिन क्या आपको पता है की हमारे कई सारे पौराणिक कथाओं में जलपरियों का जिक्र किया गया है, जिससे हम इस बात को झुठला नहीं सकते की जलपरी असलियत में होती है.

इनका जिक्र हमें महाभारत और भारतीय रामायण के थाई और कम्बोडियाई संस्करणों में भी देखने को मिलता है. थाई व कम्बोडियाई संस्करणों में रावण की बेटी स्वर्णमछा का उल्लेख किया गया है जो की सोने की जलपरी थी.

जब हनुमान भगवान श्री राम जी के लिए लंका तक राम सेतु बना रहे थे तब रावण की बेटी स्वर्ण मछा ने उनका रास्ता रोकना चाहा था. वो उन पत्थरों को चुरा लेती थी जो राम सेतु बनाने के लिए इस्तेमाल में लाये जाते थे.

महाभारत के अनुसार अर्जुन की पत्नी उलूपी का भी जिक्र कई जगह जल्परी के रूप में किया है. इसके अलावा भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का उल्लेख भी देखने में आता है जिसके शारीर का ऊपरी भाग मानव का व निचला हिस्सा मछली जैसा था.

अगर इन बातों पर आपको विश्वास नहीं हो रहा तो चलिए इस लेख जलपरी की कहानी और इसके पीछे छुपा रहस्य के बारे में और गहराई से जानते हैं.

जलपरी का रहस्य (Mystery of Mermaid in Hindi)

Jalpari Ki Kahani

जलपरी जिसे अंग्रेजी में Mermaid कहा जाता है जो पानी की एक काल्पनिक परी है जिसका सर और धड मानव स्त्री का और निचे का हिस्सा मछली जैसा होता है. सदियों से, जलपरियों ने नाविकों और जमींदारों दोनों की कल्पनाओं पर कब्ज़ा किया है और ये लोग लहरों के नीचे छिपे हुए मछली के लोगों के विचार से मोहित हो गए हैं.

जलपरियों दुनिया की कई संस्कृतियों की लोक कथाओं में पायी जाती है जिसमे यूरोप, अफ्रीका और एशिया शामिल हैं. यूरोपीय लोककथाओं में, जलपरियाँ प्राकृतिक प्राणी थी, जो परियों की तरह जादुई और भविष्यवाणिय शक्तियां रखते थे.

जलपरियों को कई बार बाढ़, तूफ़ान और समुद्री ज़हाजों के डूबने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के साथ जोड़ा जाता है. कई अन्य संस्कृतियों में जलपरियों को दयालु, उपकारी और मानवों को वरदान देने या फिर उनसे प्रेम करने वाली एक खुबसूरत जलपरी माना जाता है.

ऐसा माना जाता है की जलपरियाँ संगीत से प्यार करते थे और अक्सर गाते थे. यद्यपि बहुत लंबे समय तक जीवित रहे, वे नश्वर थे और उनकी कोई आत्मा नहीं थी.

जलपरियों की कुछ विशेस्ताएं ग्रीक के सायरियन से प्रभावित लगती है हालाँकि ऐसा कोई साबुत नहीं है की जलपरियों का अस्तित्व लोक कथाओं से बाहर भी है फिर भी जलपरियों के देखे जाने की खबरें आज भी सुनने को मिल जाती है.

जलपरी का रहस्य क्या है इसका खुलासा अभी तक पूरी तरह से नहीं हो पाया है लेकिन जलपरी का इतिहास कुछ ऐसा है जिसमे ये पता चला है की जलपरियाँ धरती पर हुआ करती थी भले ही उन्हें आज के समय में न देखा गया हो.

जलपरी की कहानी

जलपरियों के सबसे पहली कहानियां असायरियन में हज़ार ईसा पूर्व पाई गयी है. देवी अटार्गेंटिस, जो असायरियन और रानी सेमिरमिस की माँ थी, एक गाय बकरी चराने वाला चरवाहे से बेहद प्यार करती थी पर ना चाहते हुए भी उसे उसको मारना पड़ा.

इस बात से शर्मिंदा होकर उसने तालाब में छलांग लगा दी और एक मछली का रूप ले लिया, परन्तु पानी भीं उसकी सुन्दरता को छिपा न सका. इस कारण उसने एक जलपरी का रूप ले लिया.

ग्रीक कहानियों में अटार्गेंटिस को डेरकेटो माना जाता है. आप निचे दिए गए जलपरी वीडियो देख सकते है.

ग्रीक में भी एक ऐसी कहानी मशहुर है जिसमे महान अलेक्जेंडर की बहन मरने के बाद जलपरी का रूप धारण कर लिया था और वह जलपरी के रूप में जिन्दा थी.

कहा जाता है की नाविकों के ज़हाज को जब अलेक्जेंडर की बहन ने जाते हुए देखा तो नाविकों से एक ही सवाल पूछती है- “क्या महान अलेक्जेंडर जीवित है” और इसका जवाब ज़हाज के नाविकों को देना होता था की “वह जीवित है और विश्व पर राज करते हैं”.

इस जवाब को सुनकर वह काफी खुश होती थी और पानी को शांत करके ज़हाज को जाने देती. इसके अलावा कोई दूसरा जवाब देने पर वह नाविकों को समंदर में तूफ़ान व बवंडर लाकर ज़हाज सहित डूबा देती.

चीनी कथाओं में जलपरी को एक बेहद ख़ास जीव माना जाता है. चीन में यह मान्यता है की जलपरी के आंसू मोतियों में बदल जाते हैं.

जलपरी का इतिहास

जलपरी का मतलब भी यह नहीं होता की उसका ऊपर का हिस्सा पूरी तरह से इंसान का हो, कई वैज्ञानिकों का मानना है की जब इंसान अपना विकास कर रहा था तो शायद वह पानी में रहने के लिए अपने अंग भी विकसित कर लिया हो क्यूंकि विकास के दौर में कई बदलाव इंसानों में देखे गए हैं.

लेकिन सन 2012 को Animal Planet channel के डाक्यूमेंट्री फुटेज से सबके मन में एक ही सवाल उठ रहे हैं की सच में जलपरी होती हैं क्या?.

उस डाक्यूमेंट्री का नाम था “Mermaids- The Body Found” जिसके अनुसार कुछ लोग पानी के अन्दर गहराई में रहने वाले जिव का पता लगा रहे थे. जिसमे एक अलग तरीके का जिव भी दिखा जिसका शारीर इंसानों की तरह था.

उसकी झलक विडियो रिकॉर्डिंग में कैद की गयी जिससे जलपरी के होने का दावा किया गया. इन्टरनेट पर इस विडियो को real mermaid नाम से पहचान मिली. लेकिन ये विडियो भी सच नहीं है. ये विडियो बस एक कल्पना मात्र है क्यूंकि अब तक जलपरी की कोई पृष्टि नहीं हुई है.

कुछ साल पहले भी ऐसी खबरें आई थी की भारत के गुजरात के तट पर जलपरी का मृत शव मिला है. इस खबर से पुरे भारत में सनसनी फ़ैल गयी थी. इसकी तमाम तस्वीरें और विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी.

यही नहीं हवाई और मिश्र के समुद्री तट पर भी एक दम वैसी ही जलपरी का शव दिखने की खबर आई थी. असल में ये सारी बातें एक अफवाह थी. सोशल मीडिया पर जिस जलपरी की तस्वीर वायरल हो रही थी वो दरअसल मशहूर आर्टिस्ट जोएल हर्लो ने फिल्म Pirates of The Caribbean के लिए एक प्रॉप के तौर पर बनाई थी.

ये दिखने में बिलकुल रियल लग रहीं थी. इसी ग़लतफहमी में कई लोगों ने इस तस्वीर को वायरल कर के ये अफवाहें फैला दी थी की गुजरात या अन्य जगहों पर जलपरी देखी गई.

असली जलपरी का रहस्य

2009 की खबरों में दावा किया गया था कि एक मरमेड ने किरत यम के शहर इज़राइल के तट पर देखा था। वो सूर्यास्त से पहले दर्शकों के लिए कुछ तरकीबें दिखाती थी, फिर रात के लिए गायब हो जाती थी.

उस जलपरी को देखने वाले पहले लोगों में से एक, श्लोमो कोहेन ने कहा, “मैं दोस्तों के साथ था जब अचानक हमने देखा कि एक महिला अजीब तरीके से रेत पर लेटी हुई थी. पहले मुझे लगा कि वह सिर्फ एक महिला है जो धूप सेंक रही थी, लेकिन जब हम उसके पास पहुंचे तो वो पानी में कूद गइ और गायब हो गई. हम सभी सदमे में थे क्योंकि हमने देखा कि उसकी एक पूंछ थी.”

इसी तरह वर्ष 2016 में भारत में एक अनोखा केस सामने आया था जिसमे उत्तर प्रदेश में एक बच्चा पैदा हुआ जो की एक दम जलपरी जैसा दीखता था. पर दुर्भाग्यवश यह बच्चा केवल 10 मिनिट के लिए ही जीवित रह पाया था.

जो हालत इस बच्चे की थी इसे विज्ञान द्वारा Sirenomelia कहा जाता है और इसे mermaid syndrome के नाम से भी जाना जाता है.

डॉक्टर वंदना आर्य जिन्होंने इस बच्चे की डिलीवरी करी थी उन्होंने कहा की उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में पहली बार ऐसा केस देखा है और ये ही नहीं उस बच्चे के हाथ भी जालीदार थे जैसा की पानी में रहने वाले जीवों के होते हैं. ऐसा भारत में पहली बार देखा गया था.

ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी लिंडसे फिट्सहैरिस बताती हैं की ये एक मेडिकल कंडीशन है जो की एक लाख बच्चे में किसी एक को होती है. इस बीमारी में किसी नवजात के पैर निचे से चिपके होते हैं.

इसके पीछे की वजह है की जब गर्भ में विकास के दौरान माँ की गर्भनाल दो धमनियां बनाने में असफल हो जाती है तो बच्चे के पैर अलग नहीं हो पाते हैं. वो शारीर के किसी और अंग की ही तरह चिपके हुए बढ़ते हैं.

जिसे देखकर ऐसा आभास होता है की जैसे उनके पैर किसी जलपरी की तरह हों, लेकिन वो एक मेडिकल कंडीशन होता है. सोशल मीडिया साइट्स और YouTube में आपको ऐसे बहुत से जलपरी फोटो और जलपरी वीडियो मिल जायेंगे जो आपको रियल लगेंगे.

लेकिन वैज्ञानिक जलपरियों के अस्तित्व को नहीं मानते, उनके अनुसार जलपरियाँ सिर्फ मानव की कल्पना है. उनके अनुसार ऐसे जिव का अस्तित्व पृथ्वी पर कभी था ही नहीं. लेकिन फिर भी आपने जो यहाँ पर इसके इतिहास और कहानी के बारे में जो भी पढ़ा वो भी असत्य नहीं है.

मुझे उम्मीद है की आपको ये लेख जलपरी का रहस्य (Mystery of Mermaid in Hindi) और इसकी काहानी पसंद आएगा. इस लेख से जुड़े आपके कोई विचार हैं तो उसे आप हमारे साथ जरुर शेयर करिए.

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मैं एक कथा लेखिका हूँ, जो अपनी विचारधारा को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करने में विश्वास रखती हूँ। मेरी कहानियां जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं।

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